21 अप्रैल तक रहेंगे नवरात्र:तिथियों की गड़बड़ नहीं होने से 9 दिन का रहेगा शक्ति पर्व, देवी पूजा से मिलती है समृद्धि और सौभाग्य

 


                नवरात्र में व्रत और उपवास के साथ ही जरूरतमंद लोगों को देना चाहिए दान

चैत्र मास के नवरात्र और हिंदी नववर्ष की शुरुआत मंगलवार, 13 अप्रैल से हो रही है। नवरात्र की शुरुआत में सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। साथ ही, इस बार मंगलवार और अश्विनी नक्षत्र से नवरात्र शुरू होने से शुभ योग बन रहा है। इस भौम अश्विनी योग में शुरू किए गए कामों का फल जल्दी मिलता है। और काम में बाधाएं आने की संभावनाएं भी काफी कम रहती हैं।

तिथियों की गड़बड़ नहीं होने से 9 दिन के नवरात्र नवरात्र के दौरान जब दो तिथियां एक ही दिन आती हैं तो दिन कम हो जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार हर दिन एक-एक तिथि होने से पूरे दिन का शक्ति पर्व रहेगा। तिथियों की घट-बढ़ न होना और देवी पूजा के लिए पूरे नौ दिन मिलना भी अपने आप में शुभ संकेत है। इन दिनों में अपनी कुल परंपरा के मुताबिक मां दुर्गा की पूजा करने से श्री, सुख, समृद्धि, कांति , शांति व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कि सी भी अनिष्ट की नि वृत्ति मां की कृपा से सहज ही हो जाती है।

नवरात्र में दान करें देवी मां की कृपा पाने का ये सबसे अच्छा उपाय है कि जरूरतमंद लोगों को भोजन और धन का दान कि या जाए। दान करने से पुराने सभी पापों का बुरा असर कम होता है और पुण्य की बढ़ोतरी होती है। नवरात्र में व्रत करने वाले लोगों को फल जैसे केले, आम, पपीता आदि का दान करें।

इस दौरान करें इनका पाठ नवरात्र में वि शेष रूप से देवी मां के मंत्रों का जाप करना चाहि ए। यदि आप चाहें तो दुर्गा शप्तसती का पाठ भी कर सकते हैं। देवी मां के पूजन में साफ- सफाई और पवित्र ता का बहुत ध्या न रखना चाहि ए। साथ ही, मंत्र जाप में उच्चारण भी एकदम सही होना चाहि ए। यदि आप मंत्रों का उच्चारण ठीक से नहीं कर पा रहे हैं तो कि सी ब्राह्मण से मंत्र जाप करवा सकते हैं।

माता को चढ़ाएं शहद और इत्र नवरात्र में देवी पूजा करते समय हार-फूल, प्रसाद, कुमकुम, चंदन, चावल आदि पूजन सामग्री के साथ ही शहद और इत्र अनि वार्य रूप से चढ़ाना चाहि ए। शहद और इत्र चढ़ाने से देवी मां की कृपा सदैव बनी रहती है और भक्त का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है।

हिंदू नववर्ष की शुरुआत नवरात्रि के साथ ही हि न्दू नव वर्ष का आरंभ हो जाता है। चैत्र का महीना हि न्दू कैलेंडर के हि साब से साल का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि के पहले दि न आदि शक्ति प्रकट हुई थीं और उनके कहने पर ही ब्रह्राजी ने सृष्टि के निर्मा ण का काम करना शुरू कि या था। यही वजह है कि चैत्र शुक्ल प्रति पदा से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है। विक्रम संवत् 2078 आरंभ होगा।


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