बिहार में लॉकडाउन की आहट! 16 मई तक सभी स्टेडियम और जिम रहेंगे बंद, खेल की सभी गतिविधियों पर भी रोक

Bihar Covid 19 Update: बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के आदेश के तहत सभी इनडोर और आउटडोर स्टेडियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल, जिम सेंटर आदि को 16 मई तक के लिए बंद कर दिया है.



                                   बिहार में नीतीश सरकार ने नई पाबंदियां लागू कीं. (फाइल फोटो)


पटना. बिहार में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए 16 मई तक राज्य के सभी इंडोरगेम, आउटडोर गेम स्टेडियम और जिम संचालन पर रोक लगा दी है. वहीं, सभी प्रकार के खेल प्रशिक्षण पर भी पाबंदी लगा दी गई है. सीएम नीतीश कुमार के साथ सचिवालय में मंत्रिमंडल की हुई बैठक के बाद कला संस्कृति विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. अब 16 मई तक खेल सम्बन्धी किसी भी प्रकार की गतिविधियों में लोग भाग नहीं ले सकेंगे और न ही जिम में लोग फिटनेस प्रशिक्षण ले सकेंगे. विभाग ने 15 मई तक सभी स्मारक और पुरातात्विक स्थलों पर भी परिभ्रमण पर रोक लगा दी है. यानि किसी भी स्मारक और पुरास्थल के पास आगंतुकों की आवाजाही नहीं होगी.

आदेश में कहा गया है कि वैश्विक महामाारी कोविड-19 की दूसरी लहर में राज्य में बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए वायरस के प्रसार को रोकने एवं संक्रमण की कड़ी को तोडने के लिए 16 मई तक राज्य के सभाी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, इनडोर और आउटडोर स्टेडियम, मैदानों में खेलों का आयोजन, कार्यक्र्रमों तथा प्रशिक्षण एवं जिम संचालन पर रोक लगाई जाती है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 30 हजार के पार

बता दें कि राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 30 हजार से ज्यादा पहुंच गई है. ऐसे में 17 अप्रैल को राज्यपाल के साथ सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है जिसमें राज्यपाल के साथ सीएम नीतीश कुमार और दोनों डिप्टी सीएम भी मौजूद रहेंगे. सभी दलों से सरकार प्रस्ताव लेगी उसके बाद 18 अप्रैल को सरकार लॉकडाउन लगाने या नाइट कर्फ्यू लगाने को लेकर जो भी फैसला लेगी वो घोषणा की जाएगी.

18 अप्रैल तक सभी शैक्षणिक संस्थान हैं बंद

वहीं, यह भी माना जा रहा है कि कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक भी अब सर्वदलीय बैठक पर ही निर्भर होगी क्योंकि 18 अप्रैल तक राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान बन्द रखे गए हैं जिसको लेकर सरकार ये भी फैसला लेगी की शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे या फिर से बंद रखने का फैसला लिया जाएगा.

पटना. बिहार में 15 जून के पहले तक पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव संपन्न कराए जाने आवश्यक हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो पंचायतों के कामकाज के सुचारू ढंग से संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में 2006 में बने पंचायती राज एक्ट में संशोधन करना होगा. इसके लिए पंचायती राज एक्ट 2006 में संशोधन के लिए अध्यादेश ला सकती है. इसके तहत तब राज्य सरकार प्रखंड के प्रशासनिक अधिकारियों के अधीन पंचायत करवाने का फैसला कर सकती है.

बता दें कि 15 साल पहले भी ऐसी ही स्थिति में नीतीश सरकार इस तरह का कदम उठा चुकी है. हालांकि इस बार बिहार सरकार भी ऐसा नहीं चाहती है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग के पास पंचायत चुनाव कराने के लिए अब महज 2 महीने का वक्त ही बचा है. जाहिर है इतने कम समय में चुनाव कराना संभव नहीं हो पाएगा. हालांकि चुनाव आयोग इसके लिए मंथन कर रहा है.

वैकल्पिक व्यवस्था नहीं चाहती सरकार

मिली जानकारी के अनुसार 15 जून से पहले पंचायत चुनाव की सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग पहले से निर्धारित 9 चरणों में चुनाव की अवधि को कम कर सकता है.  ईवीएम के मॉडल मुद्दे पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग से सहमति बन जाने के बाद अब आयोग का प्रयास है कि किसी भी तरीके से 15 जून के  लगभग पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाए. इस बात की संभावना जताई जा रही है पंचायत चुनाव को तीन से चार चरणों में संपन्न कराया जा सकता है. ऐसा करने के पीछे वैकल्पिक व्यवस्था की जरूरत नहीं आने देने की सोच है.


15 जून तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने का भरोसा

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की मानें तो 15 जून तक अगर चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो  अन्य विकल्पों की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी. दरअसल अधिसूचना जारी होने के बाद निर्वाचित संस्थाओं के पास किसी तरह का कोई अधिकार नहीं रहता है. ऐसे में अब राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम के मुद्दे पर सहमति होने के साथ ही सुरक्षित पंचायत चुनाव संपन्न कराने को लेकर विचार-विमर्श का दौर जारी है.

ईवीएम विवाद सुलझा तो खुला रास्ता

राज्य निर्वाचन आयोग के स्तर पर फिलहाल सिंगल पोस्ट ईवीएम का बड़े पैमाने पर आकलन किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ईवीएम की व्यवस्था करने की भी तैयारी की जा रही है. बिहार में 17 पदों के लिए चुनाव संपन्न होना है. दोनों आयोग की बैठक के बाद यह तो तय है कि चुनाव में मल्टी पोस्ट ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होगा.

अब ईवीएम उपलब्धता पर माथापच्ची

गौरतलब है कि ढाई लाख से अधिक पदों पर चुनाव के लिए सात से आठ लाख सिंगल पोस्ट कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट की आवश्यकता महसूस की जा रही है. हर बूथ पर अलग-अलग  6 पदों के लिए कंट्रोल यूनिट और बैलट बॉक्स चाहिए. मिली जानकारी के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग से अधिकतम ढाई से तीन लाख ईवीएम उपलब्ध कराया जा सकेगा. ऐसी स्थिति में तीन से चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी हो सकती है.


 

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