May 2021 Festivals Calendar : अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा समेत इन पर्व-त्योहारों से खास होगा मई का महीना, जानिये|

 


मई 2021 व्रत और त्यौहार: भारत में त्योहारों को बेहद प्रमुखता और प्रधानता दी जाती है। देश में अलग-अलग धर्मों और प्रांतों के कई त्योहार करीब-करीब हर सप्ताह आते हैं। हिंदू धर्म में व्रत-त्योहार पूरे विधि-विधान से मनाए जाते हैं। त्योहारों में हर जगह रौनक और खुशियों का माहोल रहता है। साल 2021 के मई महीने की शुरुआत हो चुकी है। त्योहारों के लिहाज से इस महीने को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक मई महीने की शुरुआत वैशाख माह के साथ होती है जिसे कैलेंडर के अनुसार दूसरा महीना माना जाता है।

क्या है वैशाख का महत्व: जानकारों का मानना है कि इस मास का संबंध विशाखा नक्षत्र से होने के कारण ही वैशाख नाम पड़ा। बता दें कि 28 अप्रैल से शुरू होकर 26 मई तक वैशाख का महीना ही रहेगा। वैशाख महीने में भगवान विष्णु, परशुराम और देवी मां की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने वैशाख माह को सभी मासों में सबसे उत्तम बताया है।

इस महीने के मुख्य व्रत त्योहार: इस पवित्र महीने में कई पर्व त्योहार पड़ते हैं। पंचांग के मुताबिक गंगा सप्तमी, वरुथिनी एकादशी, परशुराम जयंती, शंकराचार्य जयंती नरसिम्हा जयंती, वृषभ संक्रांति, सीता नवमी, बुद्ध पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मई के महीने में ही पड़ते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से:-

7 मई 2021, शुक्रवार – वरुथिनी एकादशी

8 मई 2021, शनिवार – प्रदोष व्रत

9 मई 2021, रविवार – मासिक शिवरात्रि

11 मई 2021, मंगलवार – वैशाख अमावस्या

14 मई 2021, शुक्रवार – अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती

15 मई 2021, शनिवार – विनायक चतुर्थी

18 मई 2021, मंगलवार – गंगा सप्तमी

21 मई 2021, शुक्रवार – सीता नवमी

22 मई 2021, शनिवार – मोहिनी एकादशी

24 मई 2021, सोमवार – प्रदोष व्रत

25 मई 2021, मंगलवार – नरसिंह जयंती

26 मई 2021, बुधवार – बुद्ध पूर्णिमा

27 मई 2021, गुरुवार – नारद जयंती

29 मई 2021, शनिवार – संकष्टी चतुर्थी

वरुथिनी एकादशी: ये व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से व्रत करता और विधि-विधान के साथ प्रभु की पूजा करता है, भगवान उसके सभी कष्ट हर लेते हैं।

प्रदोष व्रत: हिंदू पंचांग की तुलना में हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है जिसमें भगवान शिव की पूजा होती है।

अक्षय तृतीया: मान्यता है कि इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदने की परंपरा भी है।




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