1 अप्रैल यानी आज से नया वित्त वर्ष 2021-22 शुरू हो चुका है। 1 अप्रैल को अप्रैल फूल बनाने का चलन है लेकिन इस नए वित्त वर्ष में आपको फाइनेंशियल फूल बनने से बचना चाहिए। रूंगटा सिक्योरिटीज में सीएफपी और पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट हर्षवर्धन रूंगटा इस बार आपको अप्रैल से ही फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू करना चाहिए। जल्दी शुरुआत से आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं बल्कि आपको अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने में भी मदद सकते हैं।
जोखिम लेना भी है जरूरी
अक्सर लोग जोखिम से बचने के लिए बाजार से जुड़े ऑप्शन्स में पैसा लगाने से बचते हैं। भले ही इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) जैसे ऑप्शन PPF, टैक्स सेविंग FD या अन्य पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स से अधिक रिटर्न देते हैं, लेकिन पुरानी सोच वाले निवेशक इससे दूरी बनाए रखते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के अंतर्गत ELSS पर मिलने वाले टैक्स लाभ के अलावा, यह विकल्प लंबी अवधि में महंगाई दर से अधिक रिटर्न देते हैं।
जितनी जल्दी हो सकें निवेश
टैक्स चुकाने वाले लोगों की एक अन्य बड़ी गलती है हमेशा साल के अंत में ही टैक्स बचाने के लिए निवेश के विकल्प तलाशना। आखिरी टाइम में टैक्स प्लानिंग की इस भागदौड़ के बीच कुछ गलत फैसले हो सकते हैं, जिससे कम रिटर्न देने वाले निवेश ऑप्श्सन चुन लेने की संभावना अधिक रहेगी। अंतिम समय में जल्दबाजी से या तो आप समय पर अपने निवेश प्रमाण जमा करने से चूक सकते हैं या फिर भुगतान की स्वीकृति मिलने में देरी हो सकती है, जिससे टैक्स चुकाने वाले व्यक्ति को वास्तव में टैक्स बचाने का फायदा ना मिलने की आशंका बन जाएगी।
वित्त वर्ष की शुरुआत में निवेश करने पर टैक्स सेविंग के साथ रिटर्न भी
वहीं, वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में एक साथ पैसा निवेश करने से आप टैक्स तो बचा सकते हैं लेकिन इस निवेश से मिलने वाला रिटर्न आपको नहीं मिल पाता। इसलिए यही सलाह दी जाती है कि टैक्स बचत की प्लानिंग वित्त वर्ष की शुरुआत में ही करें। क्योंकि इससे आपको टैक्स बचाने के साथ ही सालभर रिटर्न पाने का दोहरा फायदा होगा।
मान लीजिए आप टैक्स छूट पाने के लिए ELSS में 1 लाख रुपए निवेश करना चाहते हैं। लेकिन आप यह निवेश वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च में करते हैं तो आप इसमें निवेश करके 1 लाख रुपए पर टैक्स तो बचा लेंगे लेकिन इस स्कीम में जो 70 से 80 % तक का रिटर्न दिया है वो आपको नहीं मिल सकेगा। यानी सही समय पर निवेश करके आप अपने 1 लाख पर 70 से 80 हजार का मुनाफा कमा सकते हैं।
बीमा और निवेश को एक साथ जोड़ना गलत
टैक्स देने वाले लोग अक्सर बीमा और निवेश को एक साथ जोड़ने की गलती भी करते हैं। ऐसे लोग एनडाउमेंट, मनी बैक पॉलिसी या यूलिप में निवेश करना चाहते हैं। ऐसे उत्पाद ना तो आपको पर्याप्त बीमा कवर देते हैं ना ही बेहतर रिटर्न। साथ ही इनमें 5 साल का लॉक इन पीरियड भी रहता है। वहीं, पेंशन प्लान जैसे उत्पाद आपकी रिटायरमेंट उम्र तक लॉक-इन में होते हैं। इसलिए, टैक्स बचत की योजना बनाते वक्त बीमा और निवेश को अलग-अलग रखना ही बेहतर होगा।
एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने का मुख्य उद्देश्य हमेशा यही होना चाहिए कि आपकी असमय मृत्यु होने पर आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिल सके। इसके लिए टर्म इंश्योरेंस अच्छा ऑशन है क्योंकि इसमें आपको अपनी सालाना इनकम 10-15 गुना कवर बेहद कम प्रीमियम पर मिल जाता है।
इन्वेस्टमेंट का उद्देश सिर्फ टैक्स बचाना नहीं होना चाहिए
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया बताते हैं कि एक सामान्य नियम के तहत आपको ELSS, PPF या NPS सहित अन्य निवेश विकल्पों में सिर्फ इनके टैक्स लाभ देखने की बजाय इनके रिटर्न, लिक्विडिटी और जोखिम की तुलना करनी चाहिए। ऐसा करने से आप टैक्स बचत के साथ ही बेहतर रिटर्न भी पा सकेंगे। इससे लंबी अवधि के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने में भी मदद मिलेगी, जैसे कि रिटायरमेंट के लिए पैसा जुटाना और बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे जमा करना। निवेश करने से पहले आपको ये समझने की जरूरत है कि निवेश का मुक्ष्य उद्देश्य टैक्स बचाना नहीं बल्कि अच्छा रिटर्न कमाना होना चाहिए।
0 Comments
नमस्ते पाठकों
दिन की बधाई!
हमारी समाचार वेबसाइट पर आने के लिए धन्यवाद।
हम हमेशा सभी देश और विदेशी देश के नए और महत्वपूर्ण समाचार पोस्ट कर रहे है
पढ़ते रहें और सीखते रहें।
धन्यवाद।